सिर्फ एक बार होते हैं करीब 1000 साल पुरानी नाग चंदेश्वर प्रतिमा के दर्शन

सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। इस दिन नाग पंचमी मनाई जाती है और भक्त नाग देवता की विशेष पूजा करते हैं। साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी पर उज्जैन (मध्य प्रदेश) के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में स्थित नाग चंद्रेश्वर मंदिर भक्तों के लिए खोला जाता है। नाग चंद्रेश्वर मंदिर के पट 4 अगस्त रात 12 बजे से 5 अगस्त की रात 12 बजे तक खुले रहेंगे। 5 अगस्त को सावन सोमवार पर महाकाल की तीसरी सवारी भी निकलेगी। इस वजह से उज्जैन में बड़ी संख्या में शिवजी के भक्त पहंचेंगे। जानिए नाग चंद्रेश्वर के प्राचीन मंदिर से जुड़ी खास बातें...


नाग आसन पर विराजित शिवजी और पार्वती के दर्शन नागचंद्रेश्वर मंदिर में भक्त 11वीं शताब्दी की अद्भुत प्रतिमा के दर्शन करेंगे। इस प्रतिमा में फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती विराजित है। मान्यता है कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। महाकालेश्वर मंदिर के ऊपरी तल पर स्थित है प्रतिमा ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के सबसे ऊपरी तल पर ये प्रतिमा स्थित है। नाग चंद्रेश्वर के दर्शनों के लिए एक दिन पहले ही यहां श्रद्धालओं को लंबी कतारें लग जाती हैं। नाग चंद्रेश्वर मंदिर में प्रवेश करते ही दाईं ओर भगवान नाग चंद्रेश्वर की प्रतिमा दिखाई देती है। ये प्रतिमा मराठाकालीन कला का उत्कष्ट नमूना है और शिव-शक्ति का साकार स्वरूप है। 24 घंटे निरंतर दर्शन के बाद रात 12.30 बजे फिर एक वर्ष के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। गेट बंद करने से पहले त्रिकाल पूजा के क्रम में रात 8 बजे महाकाल मंदिर की ओर से परंपरागत पूजन किया जाएगा। कैसे पहुंच सकते हैं उज्जैन अगर आप वाय मार्ग से आने चाहते हैं तो आपको उज्जैन के नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर पहंचना होगा। इंदौर से सडक मार्ग या रेल मार्ग से उज्जैन पहंच सकते हैं। यहां से उज्जैन करीब 55 किमी दूर है। उज्जैन सड़क मार्ग से सभी बड़े शहरों से जड़ा है। रेल मार्ग से आना चाहते हैं तो उज्जैन पहुंचने के लिए सभी बड़े शहरों से ट्रेन आसानी से मिल जाती हैं। कहां ठहर सकते हैं उज्जैन में ठहरने के लिए कई धर्मशालाएं और होटल्स आसानी से मिल जाते हैं। रेल्वे स्टेशन के आसपास और महाकाल मंदिर के पास भी विकल्प मिल जाते हैं। महाकाल मंदिर और हरसिद्धि मंदिर की धर्मशालाओं में भी ठहर सकते हैं।